महाभारत
में मुख्यतः चंद्रवंशियों के दो परिवार कौरव और पाण्डव के बीच हुए युद्ध का
वृत्तांत है। 100 कौरवों और पाँच पाण्डवों के बीच कुरु साम्राज्य की भूमि के लिए
जो संघर्ष चला वह अत्यंत भयानक था। परंतु उसी महाभारत काल मे कई
अन्य युद्ध भी लड़े गए जिनका जिक्र अल्प ही मिलता है। आज हम एक ऐसे युद्ध का वर्णन
करने जा रहे हैं जिसके कारण इस समस्त धरती का विनाश होने ही वाला था। ये युद्ध था
भगवान पारसुराम और उनके ही शिष्य भीष्म पितामह के बीच। परंतु ऐसा क्या हुआ था
जिसके कारण गुरु को अपने ही शिष्य से इतना भयानक युद्ध करना पड़ा? इस युद्ध मे कौन विजयी हुआ? इस युद्ध का इस संसार
पर क्या प्रभाव पड़ा?
में मुख्यतः चंद्रवंशियों के दो परिवार कौरव और पाण्डव के बीच हुए युद्ध का
वृत्तांत है। 100 कौरवों और पाँच पाण्डवों के बीच कुरु साम्राज्य की भूमि के लिए
जो संघर्ष चला वह अत्यंत भयानक था। परंतु उसी महाभारत काल मे कई
अन्य युद्ध भी लड़े गए जिनका जिक्र अल्प ही मिलता है। आज हम एक ऐसे युद्ध का वर्णन
करने जा रहे हैं जिसके कारण इस समस्त धरती का विनाश होने ही वाला था। ये युद्ध था
भगवान पारसुराम और उनके ही शिष्य भीष्म पितामह के बीच। परंतु ऐसा क्या हुआ था
जिसके कारण गुरु को अपने ही शिष्य से इतना भयानक युद्ध करना पड़ा? इस युद्ध मे कौन विजयी हुआ? इस युद्ध का इस संसार
पर क्या प्रभाव पड़ा?
ये काल चक्र है इस काल चक्र मे मै आप सब का अभिनंदन
करता हूँ मै आशा करता हूँ की आप इस विडियो को पूरा देखने के बाद हमारे इस चैनल को
सुब्स्कृबे जरूर करेंगे और YouTube के bell icon को बजाना न भूलें हमारे latest update के लिए।
करता हूँ मै आशा करता हूँ की आप इस विडियो को पूरा देखने के बाद हमारे इस चैनल को
सुब्स्कृबे जरूर करेंगे और YouTube के bell icon को बजाना न भूलें हमारे latest update के लिए।
बात उस समय की है जब देवी अम्बा को पितामह भीष्म
अपनी पत्नी सुविकर नहीं करते हैं क्यूँ की उन्होने आजीवन ब्रहचर्या का पालन करने
का व्रत लिया हुआ था। तब अम्बा प्रतिशोध वश सहायता मंगेने के लिए भगवान परसुराम के
पास आयीं और बोली भगवान आपके शिष्य भीष्म ने मेरे साथ अन्याय किया सिर्फ आप ही उसे दंड दे
सकते हैं। इसपर भगवान पारसुरम बोले— ये असंभव है देवी मेरा शिष्य कभी अधर्म नहीं
कर सकता आपसे जरूर कोई भूल हुई है। देवी अम्बा विलाप करते हुए बोली भगवान मेरे साथ
अन्याय हुआ है आप मेरी सह्यता कीजिये वरना मै अभी इसी जगह चीता जला कर उसमे अपने
प्राण त्याग दूँगी।
अपनी पत्नी सुविकर नहीं करते हैं क्यूँ की उन्होने आजीवन ब्रहचर्या का पालन करने
का व्रत लिया हुआ था। तब अम्बा प्रतिशोध वश सहायता मंगेने के लिए भगवान परसुराम के
पास आयीं और बोली भगवान आपके शिष्य भीष्म ने मेरे साथ अन्याय किया सिर्फ आप ही उसे दंड दे
सकते हैं। इसपर भगवान पारसुरम बोले— ये असंभव है देवी मेरा शिष्य कभी अधर्म नहीं
कर सकता आपसे जरूर कोई भूल हुई है। देवी अम्बा विलाप करते हुए बोली भगवान मेरे साथ
अन्याय हुआ है आप मेरी सह्यता कीजिये वरना मै अभी इसी जगह चीता जला कर उसमे अपने
प्राण त्याग दूँगी।
भगवान परसुराम को उनपर दया आ गई और उन्होने कहा-
जाओ जाकर कर भीष्म से कहो की या तो वो तुम्हें अपनी पत्नी रूप मे सुविकर करे या
फिर मुझसे युद्ध करे।
जाओ जाकर कर भीष्म से कहो की या तो वो तुम्हें अपनी पत्नी रूप मे सुविकर करे या
फिर मुझसे युद्ध करे।
पीतमह भीष्म को जब इस बात की जानकारी हुई तो वो
बहुत व्याकुल हो गए और अपने गुरु से मिलने चले आए। भीष्म ने भगवान पारसुरम से कहा—भगवान
आप तो जानते है मै ने ब्रह्मचर्य का व्रत लिया फिर भला मै इस स्त्री से कैसे विवाह
कर लूँ। भगवान परसुराम ने कहा- भीष्म अगर तुम दोषी नही हो तो अपने आप को निर्दोष
साबित करो। मुझसे निडरता से युद्ध करना ही तुम्हारी निर्दोषिता को दर्शाएगा।
बहुत व्याकुल हो गए और अपने गुरु से मिलने चले आए। भीष्म ने भगवान पारसुरम से कहा—भगवान
आप तो जानते है मै ने ब्रह्मचर्य का व्रत लिया फिर भला मै इस स्त्री से कैसे विवाह
कर लूँ। भगवान परसुराम ने कहा- भीष्म अगर तुम दोषी नही हो तो अपने आप को निर्दोष
साबित करो। मुझसे निडरता से युद्ध करना ही तुम्हारी निर्दोषिता को दर्शाएगा।
पितामह भीष्म ने कहा- मै अपना प्राण त्यागना पसंद
करूंगा परंतु आपसे युद्ध नही कर सकता गुरुदेव।
करूंगा परंतु आपसे युद्ध नही कर सकता गुरुदेव।
भगवान पारसुरम ने कहा मैंने इस स्त्री को तुमसे
युद्ध करने का वचन दिया युद्ध तो तुम्हें करना की पड़ेगा और कहते कहते उन्होने एक
ऐसा बाण छोड़ा जिससे आकाश से अग्नि का आगमन होने लगा, पीतमह भीष
ने अपना धनुष उठाया और उस बाण के प्रतिउतर मे एक ऐसा बाण छोड़ा जिससे उस अग्नि की
ऊर्जा समाप्त हो गई और फूलों की वर्षा होने लगी। बाण विफल होता देख भगवान पारसुरम
को क्रोध आ गया और उन्होने अनेकों अस्त्रों से प्रहार करना आरंभ कर दिया पीतमह
भीष्म उनके सारे प्रहार विफल करते चले गए। हर एक प्रहार विफल होता देख भगवान
पारसुरम का क्रोध अपने चरम सीमा को पर कर गया उन्होने अपने परसू को आह्वान दिया, पारसू का आह्वान देख पितामह भीष्म ने ब्रह्मास्त्र को आह्वान दे दिया।
चरो ओर हाहाकार मच गया पृथ्वी का संतुलन बिगड़ने लगा, प्रलय
जैसी स्टीठी पैदा होने लगी। भगवान पारसुरम ने अपना पारसू भीष्म के ऊपर छोड़ दिया और
भीषम ने भी ब्रह्मास्त्र का प्रहार कर दिया।
तब इस समस्त संसार को बचाने के लिए भगवान महादेव ने युद्ध क्षेत्र मे प्रवेश लिया
और उन दोनों अस्त्रों को अपने तीसरे नेत्रा मे समा लिया। महादेव ने उन दोनों को
युद्ध खतम करने को कहा दोनों ने ही उनकी बात मन ली। भगवान शिव ने देवी अम्बा को ये
वरदान दिया की, अलगे जन्म मे यदि किसी नेक कार्य के लिए तुम
भीष्म की मृत्यु की कमाना करोगी तो तुम्हीं उसकी मृत्यु का कारण बनोगी। दोस्तो अगले
जन्म में अंबा ने शिखंडी के रूप में जन्म लिया और भीष्म की मृत्यु का कारण बनी।
युद्ध करने का वचन दिया युद्ध तो तुम्हें करना की पड़ेगा और कहते कहते उन्होने एक
ऐसा बाण छोड़ा जिससे आकाश से अग्नि का आगमन होने लगा, पीतमह भीष
ने अपना धनुष उठाया और उस बाण के प्रतिउतर मे एक ऐसा बाण छोड़ा जिससे उस अग्नि की
ऊर्जा समाप्त हो गई और फूलों की वर्षा होने लगी। बाण विफल होता देख भगवान पारसुरम
को क्रोध आ गया और उन्होने अनेकों अस्त्रों से प्रहार करना आरंभ कर दिया पीतमह
भीष्म उनके सारे प्रहार विफल करते चले गए। हर एक प्रहार विफल होता देख भगवान
पारसुरम का क्रोध अपने चरम सीमा को पर कर गया उन्होने अपने परसू को आह्वान दिया, पारसू का आह्वान देख पितामह भीष्म ने ब्रह्मास्त्र को आह्वान दे दिया।
चरो ओर हाहाकार मच गया पृथ्वी का संतुलन बिगड़ने लगा, प्रलय
जैसी स्टीठी पैदा होने लगी। भगवान पारसुरम ने अपना पारसू भीष्म के ऊपर छोड़ दिया और
भीषम ने भी ब्रह्मास्त्र का प्रहार कर दिया।
तब इस समस्त संसार को बचाने के लिए भगवान महादेव ने युद्ध क्षेत्र मे प्रवेश लिया
और उन दोनों अस्त्रों को अपने तीसरे नेत्रा मे समा लिया। महादेव ने उन दोनों को
युद्ध खतम करने को कहा दोनों ने ही उनकी बात मन ली। भगवान शिव ने देवी अम्बा को ये
वरदान दिया की, अलगे जन्म मे यदि किसी नेक कार्य के लिए तुम
भीष्म की मृत्यु की कमाना करोगी तो तुम्हीं उसकी मृत्यु का कारण बनोगी। दोस्तो अगले
जन्म में अंबा ने शिखंडी के रूप में जन्म लिया और भीष्म की मृत्यु का कारण बनी।
आज का श्लोका ज्ञान :
धर्मज्ञो
धर्मकर्ता च सदा धर्मपरायणः ।
धर्मकर्ता च सदा धर्मपरायणः ।
तत्त्वेभ्यः
सर्वशास्त्रार्थादेशको गुरुरुच्यते।
सर्वशास्त्रार्थादेशको गुरुरुच्यते।
धर्म
को जाननेवाले, धर्म
मुताबिक आचरण करनेवाले, धर्मपरायण, और सब शास्त्रों में से तत्त्वों का आदेश करने वाले गुरु कहे जाते
हैं।
को जाननेवाले, धर्म
मुताबिक आचरण करनेवाले, धर्मपरायण, और सब शास्त्रों में से तत्त्वों का आदेश करने वाले गुरु कहे जाते
हैं।
दोस्तों
भगवान
पारसुरम और पितामह भीषम से जुड़ी ये रोचक कथा
अगर
आपको पसंद आयी है तो हमारे इस विडियो को लाइक जरूर करें, अगर आपके मन मे हमारे हिन्दू देवी देवताओं
से जुड़ा हुआ कोई प्रश्न है तो हमे कमेंट बाक्स में बताए। हम उस प्रश्न का उत्तर
अवश्य देंगे। और ऐसी हीं प्रेरणादायी पौराणिक कहानीयां सुनने के लिए हमारे इस चैनल
को subscribe जरूर
करें ध्न्यवाद।
भगवान
पारसुरम और पितामह भीषम से जुड़ी ये रोचक कथा
अगर
आपको पसंद आयी है तो हमारे इस विडियो को लाइक जरूर करें, अगर आपके मन मे हमारे हिन्दू देवी देवताओं
से जुड़ा हुआ कोई प्रश्न है तो हमे कमेंट बाक्स में बताए। हम उस प्रश्न का उत्तर
अवश्य देंगे। और ऐसी हीं प्रेरणादायी पौराणिक कहानीयां सुनने के लिए हमारे इस चैनल
को subscribe जरूर
करें ध्न्यवाद।
भगवान पारसुराम और भीष्म पितामह का महायुद्ध,
Parashurama bhisham pitamah yudh,भगवान शिव और भगवान राम का युद्ध,शिव राम युद्ध,Shivpuran,Devo
ke dev mahadev, Parashurama bhisham pitamah fight, Parashurama bhisham
pitamah battle, bhisham pitamah battle Lord Parashurama,Battle Parashurama and bhisham
pitamah,Battle bhisham pitamah And Parashurama,War Of Parashurama and bhisham
pitamah,Mahadev Killed Sons of Ram,Ram Mahadev, भीष्म और भगवान पारसुराम के बिच महाभयंकर
युद्ध,lord Parashurama vs. bhisham pitamah, bhisham pitamah Parashurama
Battle, Parashurama Parashurama Yudh, bhisham pitamah Parashurama Fight, Parashurama
Parashurama War,kaal chakra,श्री राम और महादेव का महायुद्ध ....
ke dev mahadev, Parashurama bhisham pitamah fight, Parashurama bhisham
pitamah battle, bhisham pitamah battle Lord Parashurama,Battle Parashurama and bhisham
pitamah,Battle bhisham pitamah And Parashurama,War Of Parashurama and bhisham
pitamah,Mahadev Killed Sons of Ram,Ram Mahadev, भीष्म और भगवान पारसुराम के बिच महाभयंकर
युद्ध,lord Parashurama vs. bhisham pitamah, bhisham pitamah Parashurama
Battle, Parashurama Parashurama Yudh, bhisham pitamah Parashurama Fight, Parashurama
Parashurama War,kaal chakra,श्री राम और महादेव का महायुद्ध ....
No comments:
Post a Comment