Wednesday, 1 November 2017

वैज्ञानिक भी हैं हैरान इन मन्दिरों को देख ... || Kaal Chakra

वैज्ञानिक भी हैं हैरान इन मन्दिरों को देख



मन्दिरों का अस्तित्व और उनकी भव्यता गुप्त राजवंश
यानि चौथी से छठी शताब्दी के समय से देखने को मिलती है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं
होगा कि गुप्त काल से हिन्दू मंदिरों का महत्त्व और उनके आकार में उल्लेखनीय
विस्तार हुआ और उनकी बनावट पर स्थानीय वास्तुकला का विशेष प्रभाव पड़ा। उत्तरी
भारत में हिन्दू मंदिरों की उत्कृष्टता उड़ीसा तथा उत्तरी मध्यप्रदेश के खजुराहो
में देखने को मिलती है। उड़ीसा के भुवनेश्वर में स्थित लगभग 1000 वर्ष पुराना
लिंगराजा का मन्दिर वास्तुकला का सर्वोतम उदाहरण है। धर्म
, भक्ति, अध्यात्म और साधना का देश भारत, जहां प्राचीन काल से पूजा-स्थल के रूप में मंदिर विशेष महत्व रखते रहे
हैं। यहां कई मंदिर ऐसे हैं
, जहां अविश्वशनिए  चमत्कार भी होते बताए जाते हैं। जहां आस्थावानों
के लिए वे चमत्कार दैवी कृपा हैं
, तो अन्य के लिए आश्चर्य का
विषय। आइए जानते हैं
, भारत के कुछ विशिष्ट मंदिरों के बारे
में
, जिनके रहस्यों को असीम वैज्ञानिक प्रगति के बाद कोई
नहीं जान पाया है।
ये काल चक्र है इस काल चक्र मे मै आप सब का अभिनंदन
करता हूँ। मै आशा करता हूँ की आप इस विडियो को पूरा देखने के बाद हमारे इस चैनल को
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 बृहदेश्वर
मन्दिर
बृहदेश्वर मन्दिर तमिलनाडु के तंजौर में स्थित एक विशाल
हिंदू मंदिर है जो 11वीं सदी के आरम्भ मे चोल शासक प्रथम राजराज चोल ने बनवाया था।
इसे तमिल भाषा में बृहदीश्वर के नाम से जाना जाता है। बृहदेश्वर मंदिर पूरी तरह से
ग्रेनाइट से नि‍र्मि‍त है। विश्व में यह अपनी तरह का पहला और एकमात्र मंदिर है जो
कि ग्रेनाइट का बना हुआ है। यह अपनी भव्यता
, वास्‍तुशिल्‍प और
केन्द्रीय गुम्बद से लोगों को आकर्षित करता है। इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व
धरोहर घोषित किया है। ग्रेनाइट इस इलाके के आसपास नहीं पाया जाता और यह रहस्य अब
तक रहस्य ही है कि इतनी भारी मात्रा में ग्रेनाइट कहां से लाया गया।
करणी माता मंदिर
इस मंदिर को चूहों वाली माता का मंदिर भी कहा जाता
है
,
यह मंदिर  राजस्थान के
बीकानेर से 30 किलोमीटर दूर देशनोक शहर में स्थित है। करनी माता इस मंदिर की
अधिष्ठात्री देवी हैं
, जिनकी छत्रछाया में चूहों का
साम्राज्य स्थापित है। इन चूहों में अधिकांश काले है
, लेकिन
कुछ सफेद भी है
, जो काफी दुर्लभ हैं। मान्यता है कि जिसे
सफेद चूहा दिख जाता है
, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। आश्चर्यजनक
यह है कि ये चूहे बिना किसी को नुकसान पहुंचाए मंदिर परिसर में दौड़ते-भागते और
खेलते रहते हैं। वे लोगों के शरीर पर कूदफांद करते हैं
, लेकिन
किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। यहां ये इतनी संख्या में हैं कि लोग पांव उठाकर
नहीं चल सकते
, उन्हें पांव घिसट-घिसटकर चलना पड़ता है,
लेकिन मंदिर के बाहर ये कभी नजर ही नहीं आते।
ज्वालामुखी मंदिर
ज्वाला देवी का प्रसिद्ध ज्वालामुखी मंदिर हिमाचल
प्रदेश के कालीधार पहाड़ी के मध्य स्थित है। यह भी भारत का एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ
है
,
जिसके बारे में मान्यता है कि इस स्थान पर माता सती की जीभ गिरी थी।
माता सती की जीभ के प्रतीक के रुप में यहां धरती के गर्भ से लपलपाती ज्वालाएं
निकलती हैं
, जो नौ रंग की होती हैं। इन नौ रंगों की ज्वालाओं
को देवी शक्ति का नौ रुप माना जाता है। किसी को यह ज्ञात नहीं है कि ये ज्वालाएं
कहां से प्रकट हो रही हैं
? ये रंग परिवर्तन कैसे हो रहा है?
आज भी लोगों को यह पता नहीं चल पाया है यह प्रज्वलित कैसे होती है
और यह कब तक जलती रहेगी
? कहते हैं, कुछ
मुस्लिम शासकों ने ज्वाला को बुझाने के प्रयास किए थे
, लेकिन
वे विफल रहे।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर
राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है मेहंदीपुर का
बालाजी धाम। यह मंदिर भगवान हनुमान के 10 प्रमुख सिद्धपीठों में गिना जाता है।
मान्यता है कि इस स्थान पर हनुमानजी जागृत अवस्था में विराजते हैं। यहां देखा गया
है कि जिन व्यक्तियों के ऊपर भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं का वास होता है
, वे यहां की प्रेतराज सरकार और कोतवाल कप्तान के मंदिर की जद में आते ही
चीखने-चिल्लाने लगते हैं और फिर वे बुरी आत्माएं
, भूत-पिशाच
आदि पल भर मे ही पीड़ितों के शरीर से बाहर निकल जाती हैं।
ऐसा कैसे और क्यूँ होता है, यह कोई नहीं जानता है? लेकिन लोग सदियों से
भूत-प्रेत और बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए दूर-दूर से यहां आते हैं। इस मंदिर
में रात में रुकना मना है।
आज का श्लोका ज्ञान:
नास्ति विद्यासमो बन्धुर्नास्ति विद्यासमः सुहृत् ।
नास्ति विद्यासमं वित्तं नास्ति विद्यासमं सुखम् ।।
विद्या जैसा बंधु नहीं, विद्या जैसा मित्र नहीं, (और) विद्या जैसा अन्य कोई
धन या सुख नहीं ।
दोस्तों हिन्दू मंदिरों के विषय मे हमारे द्वारा दी
गई जानकारी अगर आपको पसंद आई है तो हमारे इस विडियो को लाइक करें। अगर आपके मन मे
किसी भी हिन्दू मंदिर से जुड़ा कोई भी प्रश्न है तो आप हमे कमेंट बॉक्स मे बता सकते
हैं हम उस प्रश्न का उत्तर अवश्य देंगे। ऐसी हि नई नई जंकारियों के लिए हमारे इस
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1 comment:

  1. খুব ভালো লাগলো এই সব মন্দিরের তথ্য দেখে। এই সত্য উদ্দেশ্য কে সাধুবাদ জানায় ।আমি ও আমাদের বাংলাদেশের শিব মন্দির আইডিয়া নিযে কাজ করতেছে

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