Thursday, 7 May 2020

क्या ये कलयुग के अंत का संकेत है ?? When and How will Kaliyuga End?



सावधान! कलयुग चरम पर है, बचना है तो जान
लें पुराणों की भविष्‍यवाणी
कलयुग किसी गलती से नहीं आया, कलयुग अपने समय पर विधि के विधान अनुसार ही
उपस्थित हुआ है . राजा परीक्षित न होता तो कोई और होता परंतु कलयुग को तो आना ही
था और जिस तरह कलयुग आया उसी प्रकार इसे जाना भी है.यह अटल सत्य है.
जब-जब धर्म की हानि होती है, ईश्वर अवतार लेकर
अधर्म का अंत करते हैं। हिन्दू धर्म में इस संदेश के साथ अलग-अलग युगों में जगत को
दु:ख और भय से मुक्त करने वाले ईश्वर के कई अवतारों के पौराणिक प्रसंग हैं। दरअसल
, इनमें सच्चाई और
अच्छे कामों को अपनाने के भी कई सबक हैं। साथ ही इनके जरिए युग के बदलाव के साथ
प्राणियों के कर्म
, विचार व व्यवहार में अधर्म और पापकर्मों के
बढ़ने के भी संकेत दिए गए हैं।
आइए जानते हैं किस पुराण मे कलयुग के विषय मे क्या
भविष्यवाणी की गई है...
ये काल चक्र है
श्रीमद्भागवत पुराण और भविष्यपुराण इन दोनों में कलियुग के अंत का विस्तार से वर्णन मिलता
है। कलियुग में भगवान विष्णु का कल्कि रूप में अवतार होगा
, जो पापियों का
संहार करके फिर से सतयुग की स्थापना करेंगे। कल्कि धर्म की रक्षा कर सबको धर्म पथ
पर डालेगें । कलियुग के अंत में संसार में अन्न नहीं उगेगा। लोग मछली-मांस ही
खाएंगे और भेड़ व बकरियों का दूध पिएंगे। एक समय ऐसा आएगा
, जब जमीन से अन्न
उपजना बंद हो जाएगा। धीरे-धीरे ये सारी चीजें विलुप्त हो जाएंगी। गाय दूध देना बंद
कर देगी।
मनुष्य की औसत आयु 20 वर्ष ही रह जाएगी। 16 वर्ष में लोग वृद्ध हो जाएंगे और 20 वर्ष में मृत्यु
को प्रा‍प्त हो जाएंगे। इंसान का शरीर घटकर बोना हो जाएगा।

 ब्रह्मवैवर्त पुराण
में बताया गया है कि कलियुग में ऐसा समय भी आएगा जब इंसान की उम्र बहुत कम रह
जाएगी
, युवावस्था समाप्त
हो जाएगी। कलि के प्रभाव से प्राणियों के शरीर छोटे-छोटे
, क्षीण और
रोगग्रस्त होने लगेंगे।
श्रीमद्भागवत के द्वादश स्कंध में कलयुग के धर्म के अंतर्गत
श्रीशुकदेवजी परीक्षितजी से कहते हैं
, ज्यों-ज्यों घोर
कलयुग आता जाएगा
, त्यों-त्यों उत्तरोत्तर धर्म, सत्य, पवित्रता, क्षमा, दया, आयु, बल और स्मरणशक्ति
का लोप होता जाएगा।  कलयुग के अंत में जिस
समय कल्कि अवतार अव‍तरित होंगे उस समय मनुष्य की परम आयु केवल 20 या 30 वर्ष होगी।
जिस समय कल्कि अवतार धर्म-कर्म का लोप हो 
जाएगा। मनुष्य जपरहित नास्तिक हो जाएंगे। सभी एक-दूसरे को लूटने में
रहेंगे। कलियुग में समाज हिंसक हो जाएगा। जो लोग बलवान होंगे उनका ही राज चलेगा।
मानवता नष्ट हो जाएगी। रिश्ते खत्म हो जाएंगे। एक भाई दूसरे भाई का ही शत्रु हो जाएगा।
जुआ
, शराब, परस्त्रिगमन और हिंसा ही धर्म होगा। ब्रह्मचारी
लोग वेदों में कहे गए व्रत का पालन किए बिना ही वेदाध्यापन करेंगे। गृहस्थ पुरुष न
तो हवन करेंगे न ही सत्पात्र को उचित दान देंगे। कलियुग का वर्णन करते हुए
श्रीकृषण कहते हैं कि कलियुग में ऐसे लोगों का राज्य होगा
, जो दोनों ओर से
शोषण करेंगे। बोलेंगे कुछ और करेंगे कुछ। मन में कुछ और कर्म में कुछ। ऐसे ही
लोगों का राज्य होगा। इसी प्रकार कलियुग में ऐसे लोग रहेंगे
, जो बड़े ज्ञानी
और ध्यानी कहलाएंगे। वे ज्ञान की चर्चा तो करेंगे
, लेकिन उनके आचरण
राक्षसी होंगे। बड़े विद्वान कहलाएंगे किंतु वे यही देखते रहेंगे कि कौन-सा मनुष्य
मरे और हमारे नाम से संपत्ति या पद कर जाए कलियुग का मनुष्य शिशुपाल हो जाएगा।
कलियुग में बालकों के लिए ममता के कारण इतना करेगा कि उन्हें अपने विकास का अवसर
ही नहीं मिलेगा। मोह-माया में ही घर बर्बाद हो जाएगा। किसी का बेटा घर छोड़कर साधु
बनेगा तो हजारों व्यक्ति दर्शन करेंगे
, किंतु यदि अपना
बेटा साधु बनता होगा तो रोएंगे कि मेरे बेटे का क्या होगा
? इतनी सारी ममता
होगी कि उसे मोह-माया और परिवार में ही बांधकर रखेंगे और उसका जीवन वहीं खत्म हो
जाएगा।
दोस्तों ये थी कलयुग के विषय
मे वो बातें जो हमे पुरानो के माध्यम से पता चलती हैं। कलयुग के विषय मे कोई अन्य
जानकारी जो आप हमसे संझन करना चाहते हैं तो हमे कमेंट बॉक्स मे लिखें।  

No comments:

Post a Comment

कलयुग में नारायणी सेना की वापसी संभव है ? The Untold Story of Krishna’s ...

क्या महाभारत युद्ध में नारायणी सेना का अंत हो गया ... ? या फिर आज भी वो कहीं अस्तित्व में है ... ? नारायणी सेना — वो ...