पौराणिक काल से महाभारत के युद्ध को अधर्म का नाश और
धर्म की रक्षा के लिए जाना जाता हैं। इस युद्ध को भारत ही नही बल्कि विश्व का
सबसे बडा युद्ध माना जाता हैं। धर्मवीरो के इस द्धंद्ध का विवरण ग्रंथों में बेहद
रोमांचक और बारीकी के साथ दिया गया हैं। महाभारत के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण के
उपदेश के साथ-साथ कई नीति-नियमों का भी सार छिपा हैं। महाभारत काल में जितने बलिष्ट
और शक्तिशाली योधा थे उतने ही शक्तिशाली उनके अस्त्र-शस्त्र थे जो पूरे युद्ध की
रूपरेखा बदलने में सक्षम थे। आज हम
बात कर रहे हैं पौराणिक वर्णित अस्त्र नारायणस्त्र्त्र और पासूप्तास्त्र की जो इतना शक्तिशाली थे कि देवता और मनुष्य सभी
उससे कापंते थे। माना जाता है कि इन अस्त्रों से इतनी उर्जा निकलती थी कि
वह धरती को पल में भस्म कर सकती थी। आइये देखते हैं नारायणास्त्र या पासुप्तास्त्र कौन सा
अस्त्र
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