अमरनाथ
की गुफा और शिवलिंग के रहस्य, जिन्हें विज्ञान भी सुलझा नहीं पाया
अमरनाथ
को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है क्यों कि यहीं पर भगवान शिव ने माँ पार्वती को
अमरत्व का रहस्य बताया था। यहाँ की प्रमुख विशेषता पवित्र गुफा में बर्फ से
प्राकृतिक शिवलिंग का निर्मित होना है गुफा की परिधि लगभग डेढ़ सौ फुट है और इसमें ऊपर से बर्फ के पानी की
बूँदें जगह-जगह टपकती रहती हैं। यहीं पर एक ऐसी जगह है, जिसमें टपकने वाली हिम बूँदों से लगभग
दस फुट लंबा शिवलिंग बनता है। क्या आप जानते हैं बाबा अमरनाथ की यात्रा कुछ
चमत्कारी यात्रा क्यों कहा जाता है। क्या आप भी जानते हैं अमरनाथ की गुफा और उसमें
बनने वाले बर्फ के शिवलिंग के रहस्य
बाबा
अमरनाथ की गुफा में बर्फ से शिवलिंग तैयार होता है, लेकिन इस बर्फ का स्त्रोत क्या है,
इसका पता आज तक नहीं चल पाया है।
शिवलिंग के ऊपर चट्टानों से एक बूंद पानी नहीं गिरता। यह एक बड़ा रहस्य है कि फिर
बर्फ का शिवलिंग कैसे बन जाता है।
अमरनाथ
की गुफा में अंदर की बर्फ तो ठोस होती है लेकिन बाहर की बर्फ बेहद ही मुलायम और
कच्ची होती है। ऐसा क्यों होता है इस बारे में आजतक कोई भी नहीं जान पाया है।
जो
लोग यहां आते हैं वो काफी ज्यादा थके हुए होते हैं लेकिन जैसे ही वो बाबा बर्फानी
की गुफा में प्रवेश करते हैं उनकी सारी थकान अपने आप ही दूर हो जाती है,
ऐसा क्यों होता है ये कोई भी आजतक नहीं
जान पाया।
एक
बूंद पानी नीचे सेंटर में गिरता है और वही धीरे धीरे बर्फ के रूप में बदल जाता
है। लेकिन अब सवाल उठता है कि गर्मी में तो बर्फ पिघलना शुरू होती है तब फिर गर्मी
में कैसे बनता है यह हिमलिंग?
अकबर
के इतिहासकार अबुल फजल (16वीं शताब्दी) ने आइना-ए-अकबरी में उल्लेख किया है कि
अमरनाथ एक पवित्र तीर्थस्थल है। गुफा में बर्फ का एक बुलबुला बनता है। जो
थोड़ा-थोड़ा करके 15 दिन तक रोजाना बढ़ता रहता है और दो गज से अधिक ऊंचा हो जाता
है। चन्द्रमा के घटने के साथ-साथ वह भी घटना शुरू कर देता है और जब चांद लुप्त हो
जाता है तो शिवलिंग भी विलुप्त हो जाता है।
क्या
यह चमत्कार या वास्तुशास्त्र का एक उदाहरण नहीं है कि चंद्र की कलाओं के साथ
हिमलिंग बढ़ता है और उसी के साथ घटकर लुप्त हो जाता है? चंद्र का संबंध शिव से माना गया है।
ऐसे क्या है कि चंद्र का असर इस हिमलिंग पर ही गिरता है अन्य गुफाएं भी हैं जहां
बूंद बूंद पानी गिरता है लेकिन वे सभी हिमलिंग का रूप क्यों नहीं ले पाते हैं?
मान्यता
है कि भगवान शिव ने अमरनाथ गुफा में ही मां पार्वती को अमरता का मंत्र सुनाया था, इसलिए हिंदू धर्म में अमरनाथ गुफा का
महत्व बहुत ज्यादा है। कहा जाता है जब भगवान शिव ने पार्वती को अमरता का मंत्र
सुनाया था उस समय गुफा में उन दोनों के अलावा सिर्फ कबूतरों का एक जोड़ा मौजूद था।
कथा सुनने के बाद कबूतर का जोड़ा अमर हो गया था। आज भी अमरनाथ गुफा में कबूतर का
वो जोड़ा दिखाई देता है। कहते हैं कि अमरनाथ की गुफ़ा में कबूतरों के इस जोड़े को
जिसने भी दर्शन दे दिए उन्हें मोक्ष मिल जाता है।
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