Tuesday, 24 August 2021

प्रेम क्या है ?? - By Lord Krishna || krishna janmashtami 2021 || #krish...

प्रेम क्या है

मैंने लोगों को कहते सुना है की वो प्रेम में हैं उन्हें प्रेम हुआ है । हालाँकि अधिकांशतः लोगों को प्रेम नहीं होता बस प्रेम होने का भ्रम मात्र होता है । प्रेम आपके चित्त को बदलता है जब आप प्रेम में होते हैं तो आप पूर्ण रूप से प्रेम में ही होते हैं । प्रेम बहुत व्यापक होता है ये केवल उस व्यक्ति तक ही सीमित नहीं रहता जिससे आपको प्रेम हुआ है वरन ये आपके चरो तरफ़ हर किसी में फैल जाता है । अगर आप कहते है की आप प्रेम में हैं और किसी से भी घृणा करते हैं तो जानिए आप भ्रम में हैं की आप प्रेम में हैं । अगर किसी के लिए आपमें प्रेम जागृत हो जाता है तो ये प्रेम आपकी पूरी दुनिया को महका देगा । केवल जिसके लिय प्रेम जगा उससे ही आपकी संवेदना नहीं जुड़ेगी बल्कि आपकी. संवेदना हर किसी से जुड़ जाएगी । आपको पूरी सृष्टि से प्रेम हो जाएगा ,हर कोई जीवित हो या कोई निर्जीव कण. आपको हर कोई प्रेम से भरा लगेगा और जिससे कारण ये प्रेम जागृत हुआ है वो व्यक्ति विशेष आपकी प्रेम से भरी सृष्टि का स्वामी हो जाएगा ।

आप पूछेंगे की ठीक जिससे प्रीत लगी वो स्वामी हो गया , पूरी सृष्टि प्रेम मय हो गयी तो मैं क्या हुआ ? आप फिर रह ही नहीं जाएँगे । प्रेम का सबसे पहला काम वो आपके मैं को मार देता है । मैं यानी अहंकार । देखिए हर इंसान की ये प्रवृत्ति होती है की वो अपने आप को बहुत प्रेम करता है । अपने आपको सबसे पहले रखता है अपनी चिंता सबसे पहले करता है । जब आपको प्रेम होता है तो आपको अपने से भी अधिक मूल्य. उसे देना होता है जिससे आपको प्रेम है । उसकी ख़ुशी में आपकी ख़ुशी हो जाती है फिर आपकी ख़ुशी का कोई अस्तित्व कहाँ रह जाता है । किसी और को अपने से अधिक महत्व आप तब ही दे पाएँगे जब आपका मैं यानी अहंकार नाश हो जाय।

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