Tuesday, 15 August 2017

2017 Ganesh Chaturthi - ऐसे करें विघ्नहर्ता को गणेशोत्सव पर प्रसन्न व्र...







                                 श्री
गणेश
भगवान गणेश को हिन्दू धर्म मे प्रथम पुजनिए माना
जाता है । प्रत्येक शुभ कार्य से पूर्व सर्वप्रथम गणेश जी को पुजा जाता है। भगवान
गणेश की पुजा से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं। उसे जीवन के भौतिक सुखों की प्राप्ति
होगी। पुत्र-पौत्रादि
, धन-ऐश्वर्य की कमी नहीं रहेगी।
चारों तरफ से मनुष्य की सुख-समृद्धि बढ़ेगी।
दोस्तों आइए सुनते भगवान गणेश से जुड़ी एक बहुत ही
रोचक कथा ।
एक बार देवतागन अपनी कई विपदाओं को लेकर भगवान शिव
के पास आए और भगवान शिव से मदद की पुकार लगाई। उस समय भगवान शिव के समीप उनके दोनो
पुत्र कार्तिकय और गणेश जी भी बैठे हुए थे। भगवान शिव ने अपने दोनों पुत्रों से
पूछा की तुममे से कोन देवताओं के कष्टों का निवारण कर सकता है इसपर दोनों ने ही ये
चुनौती सुविकर की । भगवान शिव ने उन दोनों की परीक्षा लेने की सोची और बोला की तुम
दोनों मे से जो भी पृथ्वी की सबसे पहले परिक्रमा कर के मेरे पास आएगा वही देवताओं
की मदद करने जाएगा।
भगवान शिव के मुख से यह वचन सुन कर क्रातिकेय अपने
वाहन मोर पर बैठ कर पृथ्वी की परिक्रमा के लिए निकल जाते हैं।
 परंतु
गणेशजी सोच में पड़ गए कि वह चूहे के ऊपर चढ़कर सारी पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे तो
इस कार्य में उन्हें बहुत समय लग जाएगा।
तभी उन्हे एक उपाय सुझा गणेश जी अपने स्थान से उठे
और अपने माता पिता की साथ बार परिक्रमा के आर वापिस अपने स्थान पर बैठ गए ।
जब प्ररिक्रमा कर के लौटने पर कार्तिकय स्वयं को
विजेता बताने लगे तब शिव जी ने गणेश जी से पृथ्वी की परिक्रमा न करने का कारण पूछा
तब गणेश जी ने कहा- माता पिता के चरणों मे ही समस्त
लोक है पिताजी !
यह सुनकर भगवान शिव ने गणेश जी को देवताओं का संकट
दूर करने की आज्ञा दी ।इस प्रकार भगवान शिव ने गणेशजी को आशीर्वाद दिया कि चतुर्थी
के दिन जो तुम्हारा पूजन करेगा और रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देगा उसके तीनों
ताप यानी दैहिक ताप
, दैविक ताप तथा भौतिक ताप दूर
होंगे।
 


  

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