जाता है और यह 10 दिनो तक चलता है इस वर्ष यह त्योहार आने वाली 25 तारिक से शुरू
हो रहा है और 5 सेप्टेम्बर तक रहेगा । भगवान गणेश को मिठाई में मोदक का भोग अवश्य
लगाया जाता है। हिन्दू मान्यताओं की माने तो कहा जाता है कि भगवान गणेश को मोदक
बहुत पसंद थे और इसी वजह से उन्हें मोदकप्रिय भी कहा जाता है। पूजा के दौरान एक प्लेट में मोदक के 21 टुकड़े
रखकर उन्हें भोग लगाए जाने का वधान है।
आइए दोस्तों सुनते हैं वो कथा जिससे हमे भगवान गणेश
को मोदक प्रिए होने का कारण पता चलता है ।
को मोदक प्रिए होने का कारण पता चलता है ।
एक बार भगवान शिव माता पार्वती के साथ गणेश जी
अनुसूया के घर गए जो ऋषि अत्री की पत्नी थीं। इस बीच भगवान शिव और गणेश जी को काफी
भूख लगी हुई थी। अनुसूया तुरंत हि भोजन के प्रबंध मे लग गईं। जब भोजन पक गया तब
उन्होने भगवान शिव से कहा – भगवान आप थोड़ा इंतज़ार कीजिये पहले मै बाल गणेश को भोजन
अर्पण करना चाहती हूँ। इसपर भगवान शिव ने अनुसूया को इस बात की सुविकृति दे दी।
अनुसूया के घर गए जो ऋषि अत्री की पत्नी थीं। इस बीच भगवान शिव और गणेश जी को काफी
भूख लगी हुई थी। अनुसूया तुरंत हि भोजन के प्रबंध मे लग गईं। जब भोजन पक गया तब
उन्होने भगवान शिव से कहा – भगवान आप थोड़ा इंतज़ार कीजिये पहले मै बाल गणेश को भोजन
अर्पण करना चाहती हूँ। इसपर भगवान शिव ने अनुसूया को इस बात की सुविकृति दे दी।
अनुसूया ने बाल गणेश को विभिन्न तरह के पकवान परोसे
परंतु भगवान गणेश की भूख शांत होने का नाम
नहीं ले रही थी, यह देख वहाँ मौजूद सभी लोग काफी हैरान थे ।
अनुसूया ने सोचा कि इस खाने से तो भगवान गणेश कि भूख शांत नहीं हो रही है शायद मीठा
खाने से उनका पेट भर जाए ।
परंतु भगवान गणेश की भूख शांत होने का नाम
नहीं ले रही थी, यह देख वहाँ मौजूद सभी लोग काफी हैरान थे ।
अनुसूया ने सोचा कि इस खाने से तो भगवान गणेश कि भूख शांत नहीं हो रही है शायद मीठा
खाने से उनका पेट भर जाए ।
अनुसूया ने उन्हे मिठाई का एक टुकड़ा दिया जिसको खाने
के बाद उन्होने ज़ोर से एक डकार लिया और फिर उनकी भूख शांत हो गई। दिलचस्प बात यह
थी कि जिस वक्त बाल गणेश ने डकार ली, उसी समय भगवान
शिव ने भी डकार ली। जिसके बाद दोनों ने कहा कि अब उनका पेट भर गया है। बाद में
देवी पार्वती ने अनुसूया से उस मिठाई का नाम पूछा जो उन्होंने भगवान गणेश को परोसी
थी, तब अनुसूया ने उन्हें मोदक के बारे में बताया। तभी से
भगवान गणेश को मोदक अत्यधिक प्रिए है।
के बाद उन्होने ज़ोर से एक डकार लिया और फिर उनकी भूख शांत हो गई। दिलचस्प बात यह
थी कि जिस वक्त बाल गणेश ने डकार ली, उसी समय भगवान
शिव ने भी डकार ली। जिसके बाद दोनों ने कहा कि अब उनका पेट भर गया है। बाद में
देवी पार्वती ने अनुसूया से उस मिठाई का नाम पूछा जो उन्होंने भगवान गणेश को परोसी
थी, तब अनुसूया ने उन्हें मोदक के बारे में बताया। तभी से
भगवान गणेश को मोदक अत्यधिक प्रिए है।
Thanks for the information about the details
ReplyDeleteganesh chaturthi 2022 date